"कुहू कुहू बोले कोयलिया - राग - सोहिनी,बहार, जौनपुरी,यमन"
- dileepbw
- Sep 4, 2023
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"कुहू कुहू बोले कोयलिया - राग - सोहिनी,बहार, जौनपुरी,यमन"
©दिलीप वाणी,पुणे
टोपीने "सुवर्ण सुंदरी" या मूळच्या तमिळ चित्रपटातील हिंदीत रूपांतरीत झालेले "कुहू कुहू बोले कोयलिया" हे लता व रफी यांच्या आवाजातील,भरत व्यास रचित व आदी नारायण राव या तमिळ संगीत दिग्दर्शकाने संगीतबध्द केलेले "अनेक रागांतील(सोहिनी,बहार,जौनपुरी, यमन)" गीत ऐकवून एकच धमाल उडवून दिली. आधी हे गीत ऐका व मग त्याचा इतिहास सांगतो.
आ आ आ आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुंज कुंज में भवरे डोले
गून गून बोले
आ आ आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया
सझ सिंगार ऋतु आयी बसंती आ आ आ
सझ सिंगार ऋतु आयी बसंती
आ आ आ आ
जैसे नार कोई हो रसवंती
सा नी द म द नी सा
ग म ग म द नी सा
रे सा नि ड़ा नि सा रे (रे सा नि ड़ा नि सा रे)
सा नि सा रे सा नि (सा नि सा रे सा नि)
दा नि नि ड़ा नि नि ड़ा नि (दा नि नि ड़ा नि नि ड़ा नि)
म द ड म ड ड म द (म द ड म ड ड म द)
सा रे गा मा ध न (सा रे गा मा ध न)
सझ सिंगार ऋतु आयी बसंती
जैसे नार कोई हो रसवंती
डाली डाली कलियों को (डाली डाली कलियों को)
तितलियाँ चूमे (तितलियाँ चूमे)
फूल फूल पंखुड़ियां खोले (फूल फूल पंखुड़ियां खोले)
अमृत घोले आ आ आ (अमृत घोले आ आ आ)
कुहू कुहू बोले कोयलिया
काहे काहे घटा में बिजली चमकी
काहे घटा में बिजली चमकी
हो सकता है मेघराज ने
बादरियां का श्याम श्याम मुख
चूम लिया हो
हो सकता है मेघराज ने
बादरियां का श्याम श्याम मुख
चूम लिया हो
चोरी चोरी मन पंछी उड़े (चोरी चोरी मन पंछी उड़े)
नैना जुड़े आ आ आ (नैना जुड़े आ आ आ)
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुंज कुंज में भवरे डोले
गून गून बोले आ आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया
आ आ आ आ आ
चन्द्रिका देख छायी
पिया
चंद्रिका देख छाई
चंदा से मिल के मन ही
मन में मुस्काई
छायी चन्द्रिका देख छाई
सरद सुहावन मधुमन भावन
सरद सुहावन मधुमन भावन
वरहीजनों का सुख सर्पावन
वरहीजनों का सुख सर्पावन
छाई छाई पूनम की छटा (छाई छाई पूनम की छटा)
घूंघट हटा आ आ आ (घूंघट हटा आ आ आ)
कुहू कुहू बोले कोयलिया
आ आ आ आ आ
सरस रात मन भाए प्रियतमा
कमल कमल नी मिले ए ए ए
सरस रात मन भाए प्रियतमा
कमल कमल नी मिले ए ए ए
सरस रात मन भाए
किरण हार दम के
जल में चांद चमके
मन सानंद आनंद डोले
मन सानंद आनंद डोले (मन सानंद आनंद डोले)
रे सा नि ड़ा नि सा रे
सा नि सा रे सा नि
दा नि नि ड़ा नि नि ड़ा नि
म द निसा नी रे नी रे
धा नी धा नी म ध म ध
ग म ग म द नी सा
ग म ग म द नी सा
द नी सा
1.The movie "सुवर्ण सुंदरी" was originally made in Telugu and Tamil, and the Hindi version was dubbed version of the south Indian movie.
2.Not just dialogues, even the songs were dubbed.
3.The original south Indian song was composed in the raagas of Carnatic music, and for the Hindi version, raagas of Hindustani music were used.
4.The Tamil musician Penupatruni Adinarayana Rao is credited for composing 1100+ songs from Hindi films and albums, lyrics of which are written by lyricist - Bharat Vyas.He introduced Hindustani music in contemporary flavour and simplified orchestration, and thereby impressed both laymen audience as well cognoscenti. It is this music that survives him enthralling all the music lovers.
5.This song "कुहू कुहू बोले कोयलिया" is among the most difficult songs that has been sung in Bollywood movies. For one, the singers are called upon to sing in a wide range of frequencies, and secondly, it is a semi classical song, where one needed to sing not just one raag, but as many as four raagas. Yes it is true. This song as raag Sohini, raag Bahaar, raag Jaunpuri and raag Yaman in it.
6.The original south Indian song was composed in the raagas of Carnatic music, and for the Hindi version, raagas of Hindustani music were used.
7.The lyricist Bharat Vyas has come up with words that fit with the lip movement of the actors. Not just that, he came up with a song that makes perfect sense. In fact, it is as good as a song as any that Bharat Vyas wrote in his career.His notable songs are:-
आधा है चंद्रमा, रात आधी(नवरंग)
जरा सामने तो आओ छलिये(जनम -जनम के फेरे)
चली राधे रानी भर अंखियों में पानी अपने(परिणीता)
ऐ मालिक तेरे बंदे हम(दो आंखें बारह हाथ)
ओ चांद ना इतराना(मन की जीत)
जा तोसे नहीं बोलू, घूंघट नहीं खोलूं(सम्राट चंद्रगुप्त)
तू छुपी है कहां, मैं तड़पता यहां(नवरंग)
जोत से जोत जलाते चलो(संत ज्ञानेश्वर)
कहा भी न जाए, चुप रहा भी ना जाए(बेदर्द जमाना क्या करें क्या जाने)
निर्बल की लड़ाई बलवान की,यह कहानी(तूफान और दिया)
आ लौट के आजा मेरे गीत(रानी रूपमती)
चाहे पास हो चाहे दूर हो(सम्राट चंद्रगुप्त)
चार रागांमधे स्वरबध्द केलेले हे गीत गायचे म्हणजे खायचे काम नव्हे !




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